झारखंड के रंगमंच जगत के लिए यह अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण है। विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग द्वारा आयोजित युवा महोत्सव 2025 में राज्य के दो प्रतिभाशाली कलाकारों ने अपने उत्कृष्ट अभिनय से निर्णायक मंडल का ध्यान आकर्षित करते हुए शीर्ष सम्मान प्राप्त किया। गिरिडीह जिले के मिर्जागंज निवासी गुलशन कुमार मिश्रा को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता तथा हजारीबाग जिले के बरकट्ठा की निधि को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
गुलशन कुमार मिश्रा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद आदर्श महाविद्यालय, राजधनवार से स्नातक तथा विनोबा भावे विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। इसी दौरान उनका रुझान रंगमंच की ओर बढ़ा और उन्होंने नाटक करना प्रारंभ किया। उनकी नाट्य यात्रा में मुकेश राम प्रजापति, अभिषेक अमन और राहुल पंडित जैसे गुरुओं का मार्गदर्शन मिला। वहीं इस विधा में आगे बढ़ने के लिए सोनू स्वराज और रोहित सिंह गौतम का विशेष सहयोग रहा।
लगातार तीन वर्षों तक रंगमंच से जुड़े रहकर गुलशन ने अभिनय की गहराइयों को समझा और इस दौरान उन्होंने दो से तीन वेब सीरीज में भी अभिनय किया। उनके सशक्त अभिनय, भाव-प्रस्तुति और मंचीय आत्मविश्वास को देखते हुए निर्णायक मंडल ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित किया।
वहीं दूसरी ओर बरकट्ठा, हजारीबाग की निधि ने शिक्षा और कला के अद्भुत संतुलन का उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर बारहवीं तक की पढ़ाई Model School, Barkatha से पूरी की और वर्तमान में UCET, विनोबा भावे विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हैं। वर्ष 2025 में आर्चना मैम के सहयोग से उन्हें युवा महोत्सव 2025 में भाग लेने और रंगमंच का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त हुआ।
निधि ने महोत्सव में वन एक्ट प्ले एवं माइम विधा में प्रभावशाली प्रस्तुति दी, जो श्वेता भारती, रंजन कुमार दास, मुकुल कुमार एवं राहुल पंडित के निर्देशन व मार्गदर्शन में संपन्न हुई। उनके अभिनय कौशल को निखारने में वसुधा कल्याण की संस्थापिका अंजलि नीरज का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
निधि की सजीव अभिव्यक्ति, भाव-प्रवणता और मंचीय अनुशासन को देखते हुए निर्णायक मंडल ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया।
गुलशन कुमार मिश्रा और निधि—दोनों की यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत, समर्पण और प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि झारखंड के उभरते रंगमंच और युवा कलाकारों के लिए भी एक मजबूत प्रेरणा है। इस सम्मान से उनके परिवारजनों, गुरुओं, सहयोगियों और शुभचिंतकों में अपार हर्ष है। यह सफलता आने वाले समय में झारखंड के रंगमंच को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

