दुनिआयेंक रित – फुलचंद हमतो
दुनिआयेंक रित कि भेल दुनिआयेंक रितदेखि भय जाहों अचमभितरिसता नाताक सिमा नाइसास बहु ,भेंसुर के भाइ एखन ककरा कि कहबयतखन एगो हलय सवंयभेंसुर के छांह्इरे ...
Read moreदुनिआयेंक रित कि भेल दुनिआयेंक रितदेखि भय जाहों अचमभितरिसता नाताक सिमा नाइसास बहु ,भेंसुर के भाइ एखन ककरा कि कहबयतखन एगो हलय सवंयभेंसुर के छांह्इरे ...
Read moreमेहनइत के फोर लोहखरे-भिनसरे उठलियउ मइया,पढ़इत-लिखइत भेलउ भोर गो।नोकरी-चाकरी लिये नाञ पारलियउ!अंखिया से चुवो हउ लोर गो! अनठेकान किताप हामें पढ़लियउ,पढ़ाय-लिखाय के नाञ हउ छोर ...
Read moreनुनू जितइ ससुराइर दारी-खोंखरी करे गेल हे,हमर नुनू नउवाक घर।नहाय-धोय के अइत इ ताब,खाय-पीय के जितइ संपइर! नावा-नावा कपड़ा पिंधतइआर कसतइ चमोटी!केंस चिरतइ ककरी सें ...
Read moreई बछर के बिहा-सादी में ई बछर के बिहा-सादी मेंकरलूं मउजे-मोज।जंदे से नेवता आल रहो हेलहोंदे होय जा हलों सोझ! जलपान,कलवा आर बियारीबेस-बेकार खाय मिलो ...
Read moreपानीक टान नदी नाला सुखल हइकिसानेक आस भुखल हइअइसो भते पानीक टानसावन पोइर गेइल हइबाँध पोखइर सुखल हइअइसो भते पानीक टानमानसुने के भरोसे होवे खेतीमानसुन ...
Read moreचल नुनु पढ़ेल चल नुनु पढ़ेल इसकुलवाचइल रहल हइनाम लिखाय अभियनवापढ़े – लिखेक समय होचल नुनु पढ़ेल इसकुलवा ।। पढ़ी – लिखी नौकरी करबेडाकटर इंजीनियर ...
Read moreस्कीम के जमाना एगो मेहरारू पेट दरदें भेली बेहाल,ओकरा लइके अइला सरकारी अस्पताल।ओकर हालइत देइखके डागटर साहेब घबराय गेल,सोब जाँच करवल बादे भरती करवेक सुझाव ...
Read moreभरसटाचार माये-बापे पढाइ-लिखाइ के,तोरा आँफिसर बनाइ देलो ।आइझ देइख के लागो हइ कि,सोबले बोडो गुनहा करलो । घुस माँगे में लागलो नाइं तनिको शरम,मुहँ खोइलके ...
Read more“हामर भाषा, हामर संस्कृति” जनम, मरन तक, संग लइके चलब,विदेशी रंगे गरब नी करब,आपन भाखा, संस्कृति बोले में,कइसन लाज?मिली बचावे खातिर,उठावा आवाज। (1) जनमइते जेकरा ...
Read moreआज कोयडीं सबजी खाली तो एकर गुन इयाद पड़े लागल… महुआ तोर गुन कैसन महुआ रे महूआतोर फुल कैसन?सृष्टिकरता कर बेजाय गुनभोरल हे हामर खोंचें ...
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