तपेज बाबा धाम: जहां नक्सली और अपराधी खुद करते हैं सरेंडर | रहस्यमयी कहानी

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Reported by: Ravi Kumar Mahto
Edited by: Om Prakash Kumar

चतरा : धामों और धार्मिक स्थलों की अनसुनी कहानी और रहस्य बातों को आपने तो सुना ही होगा, लेकिन एक अद्भुत धाम जो झारखंड के चतरा जिले में स्थित तपेज बाबा धाम एक ऐसा स्थल है जहां चमत्कार की अनेकों कहानी गांव की चौराहो में घूमती रहती है। इस धाम की अनोखी बात यह है कि यहां पर सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि सुखी संपन्न परिवार, नक्सली और अपराधी भी मन्नते मांगने आते हैं। यहां पर सिर्फ आसपास के लोग ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के लोग भी आया करते हैं। यह स्थान आस्था का केंद्र है। यहां हर साल भक्त अपनी समस्याओं को लेकर और मन्नते पूरी होते ही पहुंचते हैं

 

तपेज बाबा धाम से जुड़ी कहानी और मान्यताएं

तपेज बाबा धाम कोई उच्च शिखर या नदी के किनारे में नहीं बल्कि यह एक गांव के मंडार में स्थित है। स्थानीय लोग बताते हैं कि तपेज बाबा एक प्रसिद्ध वैद्य थे जो किसी भी प्रकार के रोग से ग्रसित लोगों को ठीक किया करते थे. चाहे वह खांसी जुखाम हो या फिर डायन भूत से ग्रसित हो उसे चुटकियों में ठीक किया करते थे। तपेज बाबा एक सुनसान जगह में रहा करते थे । जिसे उनकी दिव्य शक्ति को देखते हुए ग्रामीणों ने उन्हें अपने गांव ले आए। तो बाबा ने कहा कि हम किसी घर में नहीं रहेंगे, तो ग्रामीणों ने गांव के पास के ही जंगल में जगह दी। जिसे बाद में उसे मांडर के नाम से जाना जानने लगा। बाबा ने जीवन भर भक्तों की समस्याओं का समाधान किया. उनके परलोक सिधारने के बाद उसे ग्रामीणों ने उनके नाम पर धाम का नाम दिया। जो यह किसी चमत्कारी धाम से कम नहीं है।

पाहन करवाते हैं पूजा

किसी भी धाम में आपको दिखेगा कि कोई पंडित पूजा करवाते देखेंगे। लेकिन इस धाम की अनोखी बात यह है कि यहां पर गांव के पाहन पूजा करवाते हैं। तपेज बाबा धाम की पाहन, बताते है कि उनका परिवार लगभग आठ पीढ़ियों से सेवा करते आ रहा है। यहां पर पूजा आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार होता है। यहां पर भक्त अपनी समस्याओं के समाधान पाने और मन्नत मांगने आया करते हैं

मन्नत पूरी होने पर देते है बलि

भक्तों की मनोकामना पूरी होने पर भक्त चढ़ा में देते हैं बलि। यह सालों भर बलि दी जाती है रोजाना लगभग 150 से 250 बलि दी जाती है. वहीं रविवार को किसी तरह की बलि नहीं दी जाती। जिसमें मुख्य रूप से मुर्गी, बकरा और सूअर की बलि चढ़ाई जाती है। साथ ही एक विशेष पर्था यह भी है कि भक्तों की मनोकामना पूरी होने पर पूजा अर्चना कर भक्त यहां पर एक ढेर में पत्थर भी रखा करते हैं. जिससे पत्थर का अंबार लग चुका है. यह दर्शाता है कि आने वाले भक्तों की संख्या और उनकी आस्था बाबा के प्रति कितनी दृढ़ है।
यहां पर पूजा क्षेत्रीय परंपराओं के अनुसार की जाती है या काहे की स्थानीय लोगों की आस्था का पारंपरिक हिस्सा और बाबा के प्रति भक्तों की गहरी आस्था है.

धाम अपराधियों और नक्सलियों के लिए चर्चित है

ऐसा लोग कहते हैं कि जो भी अपराधी जेल जाते हैं. उनके परिवार यहां पर अपराधी के रिहाई के लिए मन्नते मांगने आया करते हैं। अपराधी जेल से निकलने के उपरांत ही यहां पर चढ़ावा देने के लिए और बाबा के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने आया करते हैं।

 

इस धाम के होने से

स्थानीय लोग बताते हैं कि समय के अनुसार यह धाम काफी प्रचलित हुआ है। जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का भी अवसर प्रदान कर रहा है. सड़कों के किनारे लोग दुकान लगाकर चढ़ावे से संबंधित सामग्री बेचा करते हैं. जिसमें मुर्गी, बकरा, अगरबत्ती धूप संबंधित पूजा के सामग्री बेचकर अपनी जी कोपार्जन कर रहे हैं।

तपेज बाबा धाम का महत्व

वैसे तो धार्मिक स्थलों और धामों में लोग अपनी समस्याओं को बाबा और भगवान के समक्ष रखते हैं, यहां भी कुछ इसी प्रकार की कहानी है लोग बताते हैं कि, जिन्हें संतान नहीं हो रहा हो, शादी में अड़चने आ रही हो या फिर जीवन में कोई बड़ी समस्या हो, तो बाबा के दरबार में आने से भक्तों की मन्नते पूरी हो जाती है। यह स्थानीय परंपरा और संस्कृति का एक प्रतीक है।

 

 

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