मंईयां सम्मान योजना के बाद हेमंत सोरेन सरकार की नई पहल, महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर बनाएगी आत्मनिर्भर
लगभग 30 लाख महिलाओं को मिलेगा स्वरोजगार से जुड़ने का अवसर
झारखंड की ग्रामीण महिलाओं के लिए राज्य सरकार एक और बड़ी योजना लेकर आ रही है। “मंईयां सम्मान योजना” के बाद अब सरकार “मंईयां बलवान योजना” की शुरुआत करने जा रही है, जिसका मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और स्वरोजगार से जोड़ना है।
🧵 स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं बनेंगी उद्यमी
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 25 से 30 लाख महिलाओं को आजीविका के संसाधनों से जोड़कर उन्हें उद्यमिता के रास्ते पर आगे बढ़ाया जाए। ये सभी महिलाएं पहले से ही मंईयां योजना के तहत लाभ ले रही हैं और एसएचजी (Self Help Group) से जुड़ी हुई हैं।
👉 इन महिलाओं को न सिर्फ मासिक सम्मान राशि मिलेगी, बल्कि अब सरकार उन्हें
- स्टार्टअप पूंजी,
- स्वरोजगार प्रशिक्षण,
- जोहार योजना के तहत अतिरिक्त आर्थिक सहयोग
जैसी सुविधाएं भी देगी।
🛒 दुकान खोलें, मुर्गी पालन करें या ट्रैक्टर लें – सरकार करेगी मदद
सरकार की मंशा है कि महिलाएं अपनी मंईयां की राशि का उपयोग
- दुकान खोलने,
- मुर्गी पालन,
- सिलाई-कढ़ाई,
- कृषि यंत्र खरीद
जैसे लघु व्यवसायों में निवेश करें।
ग्रामीण विकास विभाग इन योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाएगा, जिससे कोई भी पात्र महिला इससे वंचित न रहे।
💬 मुख्यमंत्री का उद्देश्य – सिर्फ बैंक में पैसा रखने से नहीं, विकास होगा काम से
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानना है कि:
“अगर मंईयां की राशि बैंकों में निष्क्रिय पड़ी रही, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति नहीं मिलेगी। जरूरत है महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की – ताकि उनके घर का विकास हो और गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत बने।”
📊 झारखंड में महिला शक्ति का नया अध्याय
- झारखंड में फिलहाल 32 लाख से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं।
- 53 लाख महिलाएं मंईयां योजना से लाभान्वित हो रही हैं।
- “मंईयां बलवान योजना” के तहत लाखों महिलाओं को नई दिशा और स्थायी आय का साधन मिलेगा।
📢 गांवों में महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण की यह पहल आने वाले समय में झारखंड को आत्मनिर्भर राज्य की ओर एक मजबूत कदम बना सकती है।
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