पढ़ाइ छउवे घरी लेल पीछातखने ले परेसान हीई कधिया सिरयतयओकरे आसे लागल ही । कतेक दिन से...
Krishna Kunal
I, Krishna Kunal, use ‘AnAlone Krishna' as my pen-name. I wrote 100+ poems and stories in Hindi, English and Bilingual. If you desire to read them, visit https://krishnakunal.blogspot.com and please share your precious reviews on comments.If you also want to publish your literary works- poems and stories, in our website; join our WhatsApp Group to contact and send us.
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खोरठा कविताहाम मासटर लागी हाम मासटर लागी, मकिन इ मत सोच,छउवा के सिखवे ब इठल हिहाम डाक...
मिटे नायं दिहा माटिक मान जखन हाम होसेक दुनियाएंडेग राखल हलोंतखनी से तोर नारा, पोस्टर बैनरमीटिंग सिटिंग...
मानुसे मानुस के मारे लागल मानुस आर मानुस नायं रहलमानुसे, मानुस के मारे लागलधन दौलतेंक पेछुएँ भेल...
रे झारखंडी रे झारखंडी, कते निंदाइल हेंएखनो त नजइर खोल !हियांक माञ माटी आर भासाकऊपर संकट !ताव...
भाखा हाम लागी भाखा, भाखाक मान जोगाय राखाहामर नजइर चाइरो दन, तनी ओनाय के देखा।ओहाइर कइर के...
मानुसेक सक्ति हे मानुस! बुझ नाञ् –तोंञ् आपन के हीन,उठ–उठ,जाग–जाग –आपन के तोंञ् चिन्ह| तोर गातेक आइगे...
ओझाक (सोखाक) भेउ हां रे,,, के,, के,, देखले हा –भूत – डाइन ?जो,,जो,, हाम्हूं देखबइ,तनी हांकाइ आन,...
निसा केकरांञ हे निसा केकरांञ हे,केकरो सबाल हे,केकरो जबाब हे,केकरो मिजाइज हे,केकरो धाक हे,केकरो खइयाल हे,केकरो जबाब...
माहंगा दुनियादारीक अइसने चिंता फिकिर ,एकर खातिर कते खिचीर फिचिर । चाइरो बाटे लोक भिखनाइल हथकेव कम...