चल नुनु पढ़ेल चल नुनु पढ़ेल इसकुलवाचइल रहल हइनाम लिखाय अभियनवापढ़े – लिखेक समय होचल नुनु पढ़ेल...
Krishna Kunal
I, Krishna Kunal, use ‘AnAlone Krishna' as my pen-name. I wrote 100+ poems and stories in Hindi, English and Bilingual. If you desire to read them, visit https://krishnakunal.blogspot.com and please share your precious reviews on comments.If you also want to publish your literary works- poems and stories, in our website; join our WhatsApp Group to contact and send us.
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स्कीम के जमाना एगो मेहरारू पेट दरदें भेली बेहाल,ओकरा लइके अइला सरकारी अस्पताल।ओकर हालइत देइखके डागटर साहेब...
भरसटाचार माये-बापे पढाइ-लिखाइ के,तोरा आँफिसर बनाइ देलो ।आइझ देइख के लागो हइ कि,सोबले बोडो गुनहा करलो ।...
“हामर भाषा, हामर संस्कृति” जनम, मरन तक, संग लइके चलब,विदेशी रंगे गरब नी करब,आपन भाखा, संस्कृति बोले...
आज कोयडीं सबजी खाली तो एकर गुन इयाद पड़े लागल… महुआ तोर गुन कैसन महुआ रे महूआतोर...
बोनेक दरद बोनेक दरद एइसन दरदजे मानुस बुझे ना जाने नाहमरा काइट के,हमर सीना फाइड केहमर गतर...
कलमदानी आसाढ़ परल घरेमइया आर बपा केफिकिर सुरु हो जाइय हेकोन धानेक बिहीनकरल से ठीक रहतोन ।।इ...
भेल हो बिहान सुना हो सुना होकोन दिगे पाराइल हाकजागा हो भेल हो बिहानआइलो नावा बिहानसमझा बुझा...
पछतावा जुवान घरी हिंदे हुंदेबड़ी सवंय के बरबाद करलोदेख बुढारी मने लागे खोंच होछउवा घरी बुझे नाय...
जागा रे झारखण्डी जागा रे झारखण्डी भाइ- बहीन अबरी जागा,कते दिन सुतल रहबे आपन हक खातिर भागा...



