भाखा – रितु घांसी

भाखा हाम लागी भाखा, भाखाक मान जोगाय राखाहामर नजइर चाइरो दन, तनी ओनाय के देखा।ओहाइर कइर के देखा, गोहाइर कइर के सुना।साड़ा ही सबद ही ...

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मानुसेक सक्ति – रमेश कुमार

मानुसेक सक्ति हे मानुस! बुझ नाञ् –तोंञ् आपन के हीन,उठ–उठ,जाग–जाग –आपन के तोंञ् चिन्ह| तोर गातेक आइगे –होवे पारे पहार धूरा |तोर मगजेक धार देइख ...

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ओझाक (सोखाक) भेउ – रमेश कुमार

ओझाक (सोखाक) भेउ हां रे,,, के,, के,, देखले हा –भूत – डाइन ?जो,,जो,, हाम्हूं देखबइ,तनी हांकाइ आन, कइसन होवे हे डाइन भूतेक जाइतकइसें उ सब ...

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निसा केकरांञ हे – मालती कुमारी

निसा केकरांञ हे निसा केकरांञ हे,केकरो सबाल हे,केकरो जबाब हे,केकरो मिजाइज हे,केकरो धाक हे,केकरो खइयाल हे,केकरो जबाब हे,कि निसा केकरांञ् हे ? निसा दरुवांञ् हे,निसा ...

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माहंगा – मानिक कुमार

माहंगा दुनियादारीक अइसने चिंता फिकिर ,एकर खातिर कते खिचीर फिचिर । चाइरो बाटे लोक भिखनाइल हथकेव कम त केव बेसी धराइल हथ । हेवइ बोड़ ...

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झूठ कर दोष – मनोज कुमार कपरदार

झूठ कर दोष आलस्य कर आंईख मेंप्यार कर सपना देखह हलयलाल साड़ी पिंइंद केआपन सूरज कर आशा मेंरोइज रहह हलय उषादिन जैसे जैसेचढ़े लागलयडइर गेलय ...

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चांद कर रोशनी – मनोज कुमार कपरदार

चांद कर रोशनी आइज फेर चांद केबदरी टाय ढांइप लेलयऐसन कखनो कखनोहोव हयकाइल कर बात लागयगरम रोध टायमूलवासी करकयेक गोजुलूस बाहराइल हलयआशा हलयचांद करकुछ हिस्सा ...

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बेटी – भुनेश्वर महतो

बेटी बेटी के चांद नाञ बनावाताकि कोय घुइर घुइर के देखेबेटी के सुरूज बनावाताकी ओकरा घुरे से पहिले नजइर हेंठ होय जायसोभे बेटीक भाइग में ...

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हामनिक संसकिरति – बसंत कुमार महतो

हामनिक संसकिरति(खोरठा कविता) हामनिक समाजे रीत चलल हइहिंयाक संसकिरति से जुड़ल हइआर अइन राइज ले फरक हइपरनाम आर जोहार एहे बनल हइहामनिक माय माटी से ...

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मायकोरवा भासा – बसंत कुमार महतो

मायकोरवा भासा मायकोरवा भासा जिनगीक खुंटा हे,मायकोरवा भासा जिनगीक मुइख अंग हे,मायकोरवा भासा ले बइढ़ेक आर कुछो नाय हे,बस येहे एक – दोसरेक बिसवास हे, ...

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