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JLKM नेता अशोक भारती की गिरफ्तारी से भड़का विरोध, वन विभाग पर लगे आरोप
चतरा: झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के नेता अशोक भारती को वन विभाग ने सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यह घटना कुब्बा गांव में वनरोपण कार्य में हस्तक्षेप करने पर हुई, जहां अशोक भारती और खुशिलाल दांगी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने वन विभाग द्वारा किए जा रहे ट्रेंच खुदाई और पीट भराई के काम को रुकवा दिया था।
गिरफ्तारी का कारण
वन विभाग के प्रभारी वनपाल रोहित कुमार के अनुसार, कुब्बा वन क्षेत्र में क्षतिपूरक वनरोपण 2024-25 योजना के तहत पौधारोपण की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान अशोक भारती और खुशिलाल दांगी ने ग्रामीणों के सहयोग से कार्य को बाधित कर ट्रेंच और पीट भरवा दिया। इस पर वन विभाग ने दोनों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया।
ग्रामीणों में आक्रोश, वन विभाग कार्यालय पर प्रदर्शन
अशोक भारती और खुशिलाल दांगी की गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को झारखंड जंगल बचाओ अभियान के बैनर तले बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने वन विभाग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कार्यालय का मुख्य गेट करीब डेढ़ घंटे तक बंद रखा और दोनों की रिहाई की मांग की।
ग्रामीणों का पक्ष
ग्रामीणों का कहना है कि वे इस जमीन पर पीढ़ियों से खेती कर रहे हैं, जिससे उनका जीवनयापन चलता है। अब वन विभाग इस जमीन में पौधारोपण कर रही है। जिससे हमारी आजीविका संकट में आ गई है। प्रदर्शन के दौरान झारखंड जंगल बचाओ अभियान के कई नेता मौजूद थे, जिनमें कुंदा प्रभारी लालदेव भोगता, लावालौंग प्रभारी विनीता देवी, प्रतापपुर प्रभारी बसंत भारती और JLKM नेता संदीप यादव शामिल थे।
अशोक भारती का वन अधिकार आंदोलन से जुड़ावअशोक
भारती JLKM के सक्रिय नेता होने के साथ-साथ झारखंड जंगल बचाओ अभियान के जिला प्रभारी भी हैं। वे वनाधिकार कानून के तहत वनवासियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे है। इसी में कुब्बा गांव में ग्राम सभा कर ग्रामीणों को वनपट्टा के प्रति जागरूक कर वापस सोमवार शाम को घर लौट के क्रम में ही संघरी घाटी के समीप वन विभाग के द्वारा अशोक भारती और खुशियाल दांगी को हिरासत में ले लिया गया।
प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई
प्रदर्शन को देखते हुए सदर थाना प्रभारी विपिन कुमार और बीडीओ हरिनाथ महतो मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को शांत कराया। प्रशासन का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है और इस मामले में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
राजनीतिक असर
इस गिरफ्तारी ने JLKM और स्थानीय ग्रामीणों के बीच भारी नाराजगी पैदा कर दी है। वहीं, वन विभाग का कहना है कि वे सरकारी योजनाओं को बाधित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या रुख अपनाया जाता है और क्या JLKM इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाएगा।
(अगली जानकारी के लिए बने रहें…)