चल नुनु पढ़ेल
चल नुनु पढ़ेल इसकुलवा
चइल रहल हइ
नाम लिखाय अभियनवा
पढ़े – लिखेक समय हो
चल नुनु पढ़ेल इसकुलवा ।।
पढ़ी – लिखी नौकरी करबे
डाकटर इंजीनियर मास्टर बनबे
पढ़ी – लिखी देसेक सेवा करबे
तोरे ऊपर हइ आस
चल नुनु पढ़ेल इसकुलवा ।।
इसकुले मिलतो नुनु
दुपहरिया मे खाना
किताप मिलतों मिलतो छात्रवृत्ति
आरो मिलतो कुरता पेइट जुता मोजा
चल नुनु पढ़ेल इसकुलवा ।।
पढ़ी – लिखी माय – बापेक नाम राखी
गॉव समाजेक नाम ऊपर करही
बिनोद बाबु कहल हथीन
पढ़ आर लड़ आपन हक – अधिकार खातिर
चल नुनु पढ़ेल इसकुलवा ।।
कवि – थानेश्वर महतो