स्कीम के जमाना
एगो मेहरारू पेट दरदें भेली बेहाल,
ओकरा लइके अइला सरकारी अस्पताल।
ओकर हालइत देइखके डागटर साहेब घबराय गेल,
सोब जाँच करवल बादे भरती करवेक सुझाव देल।
मेहरारू के जच्चा वार्ड में भरती करवल गेल,
भइ गेलय इलाज शुरू,दवा,सुईया चढे़ लागल।
करीब! आधा घंटा भेल बाद
सिस्टरनी समाचार लइके अइली,आर कहली-
बधाई हो! गिदरेक बाप के,
निकाल फटा फट पाँच-पाँच सौ के तीन गो नम्बरी,
तब सुनइबो एगो बोड़ खुशखबरी।
गिदर बेस हो
गिदरवइन के मइयो बेस हो,
एक संगे तीन गोऽ गिदर जनम देल हो,
आइझ-काइल स्कीम के जमाना चइल रहल हो,
सइ खातिर दु गोऽ बेटाक संगे,
एगो बेटा फ्री में आइल हो।
एतना सुइनके बेटाक बाप खुशी से नितराइ लागल,
आर सिस्टरनी के आपन कोरा मे उठाइ के
नाचे लागल ।।
कवि – ताराचंद महतो