महाकुंभ में ‘सनातन’ आरतियों से युवाओं को जोड़ रहा अदाणी ग्रुप

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गीताप्रेस के साथ मिलकर 1 करोड़ आरती संग्रह का कर रहा वितरण

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। दुनियाभर से आए सनातन संस्कृति के अनुयायी इस भव्य आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। खास बात यह है कि इस बार अदाणी समूह ने महाकुंभ में सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने और युवाओं को इससे जोड़ने के लिए अनूठी पहल की है।

गीताप्रेस गोरखपुर के सहयोग से 1 करोड़ आरती संग्रह का वितरण

अदाणी समूह ने गीताप्रेस गोरखपुर के साथ मिलकर 1 करोड़ आरती संग्रह मुफ्त में बांटने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए मेला क्षेत्र और प्रयागराज शहर में कई स्टॉल लगाए गए हैं, जहां से श्रद्धालु निशुल्क आरती संग्रह प्राप्त कर सकते हैं।

युवाओं में बढ़ रही है सनातन संस्कृति के प्रति रुचि

आरती संग्रह प्राप्त करने वालों में बड़ी संख्या में युवा शामिल हैं। मिर्जापुर से आए आलोक कुमार ने कहा,
“हम आरतियों को सुनकर बड़े हुए हैं, अब इनका संकलन मुफ्त में मिलना सुखद अनुभव है। यह प्रयास सनातन संस्कृति को समझने का बेहतरीन मौका देगा।”

इतिहास पुरुषों ने किया आरती संग्रह का संकलन

गीताप्रेस के प्रबंधक डॉ. लालमणि तिवारी ने बताया कि आरती संग्रह में संस्कृत और हिंदी दोनों भाषाओं में आरतियों को संकलित किया गया है।

🔹 सबसे पुरानी हिंदी आरती‘ओम जय जगदीश हरे’ (1875) – इसे पंडित श्रद्धाराम शर्मा फिल्लौरी ने लिखा था।
🔹 पहला आरती संग्रह – सन 1953 में प्रकाशित हुआ था।
🔹 अब तक इसके 97 संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं।

हनुमान प्रसाद पोद्दार – गांधी के मित्र, स्वतंत्रता सेनानी और सनातन साहित्य के संरक्षक

🔹 आरती संग्रह के संपादक हनुमान प्रसाद पोद्दार महात्मा गांधी के निकट सहयोगी थे।
🔹 अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और जेल भी गए।
🔹 गीताप्रेस को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
🔹 लोकमान्य तिलक, लाला लाजपत राय, मदन मोहन मालवीय, सरदार पटेल और सावरकर से थे करीबी संबंध।
🔹 सभी उन्हें “भाईजी” कहकर पुकारते थे, जिससे उनका नाम हनुमान प्रसाद ‘भाईजी’ पोद्दार पड़ गया।

अब ऑनलाइन भी पढ़ सकते हैं सनातन साहित्य

🔹 गीताप्रेस की किताबें अब ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं।
🔹 15 देशों के लोग गीताप्रेस की वेबसाइट से जुड़ चुके हैं और लगातार सनातन साहित्य पढ़ रहे हैं।

महाकुंभ में अदाणी समूह का सेवा कार्य

🔹 अदाणी समूह और इस्कॉन मिलकर प्रतिदिन 1 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को महाप्रसाद वितरित कर रहे हैं।
🔹 गीताप्रेस के साथ मिलकर 1 करोड़ आरती संग्रह वितरण का लक्ष्य।

सनातन संस्कृति को संजोने और जनमानस तक पहुंचाने का यह प्रयास महाकुंभ को और भी भव्य और यादगार बना रहा है।

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