सरकारी कार्यक्रम में पद्मश्री बुलु इमाम का अपमान, मामला तूल पकड़ता जा रहा
हजारीबाग में आयोजित जिला जनसंपर्क विभाग की एक कार्यशाला में पद्मश्री बुलु इमाम के साथ हुए अपमानजनक व्यवहार का मामला गरमाता जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना पर अपनी नाराजगी जता रहे हैं और पत्रकारिता के मूल्यों पर सवाल उठा रहे हैं।

कार्यक्रम “हजारीबाग लीगेसिज” विषय पर आधारित था, जिसमें शहर के प्रमुख पत्रकारों को आमंत्रित किया गया था। खुले सत्र के दौरान, जब सवाल-जवाब का दौर चल रहा था, तभी पत्रकार उमेश प्रताप, बुलु इमाम की किसी बात से नाराज हो गए और अपना आपा खो बैठे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उमेश प्रताप ने अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया और तू-तड़ाक करने लगे, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
घटना के बाद कार्यक्रम में मौजूद लोग स्तब्ध रह गए, और कुछ देर के लिए स्थिति संभालना मुश्किल हो गया। पत्रकार उमेश प्रताप, गुस्से में कार्यक्रम छोड़कर जाने लगे, लेकिन जिला जनसंपर्क विभाग के कर्मियों ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस बुलाया।
बुलु इमाम, जो हजारीबाग की सांस्कृतिक धरोहर और विरासत को सहेजने के लिए दशकों से प्रयासरत हैं, के साथ इस तरह के व्यवहार ने शहरवासियों को आहत किया है। गौरतलब है कि इससे पहले भी दो वर्ष पूर्व इसी तरह की एक घटना में उमेश प्रताप एक कार्यक्रम में भड़क गए थे, जिसके बाद जनसंपर्क विभाग ने ऐसे आयोजनों पर रोक लगा दी थी। दो साल बाद जब इस तरह का कार्यक्रम फिर से शुरू हुआ, तो यह विवादित घटना हो गई, जिसने फिर से चर्चाओं को जन्म दे दिया है।
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाता है और क्या पत्रकारिता जगत इस घटना से कोई सबक लेता है या नहीं।
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