अभयपुर, धानापाली एवं डोमलाई बालू घाट परियोजना के लिए जन सुनवाई आयोजित

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अभयपुर, धानापाली एवं डोमलाई बालू घाट परियोजना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु जन सुनवाई आयोजित

चक्रधरपुर/मनोहरपुर:

झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (JSMDC) के तत्वावधान में शुक्रवार को मनोहरपुर प्रखंड के ग्राम धानापाली में अभयपुर, धानापाली एवं डोमलाई बालू घाट परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु जन सुनवाई का आयोजन किया गया। इस जन सुनवाई की अध्यक्षता एडीसी प्रवीण कुमार केरकेट्टा ने की।

जन सुनवाई के दौरान ग्रामीणों के साथ निर्धारित पर्यावरणीय मापदंडों के अनुरूप विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में स्थानीय ग्रामीणों ने बालू उत्खनन को सशर्त अनुमति देने की सहमति जताई। ग्रामीणों ने बालू घाट से संबंधित कई विसंगतियों को दूर करने के लिए प्रशासन और एजेंसी के समक्ष महत्वपूर्ण मांगें भी रखीं।

प्रमुख मांगें और प्रशासन का आश्वासन:

ग्राम मुंडा जयनाथ महतो ने प्रशासन से मांग की कि प्रस्तावित बालू घाट के स्थलों का निरीक्षण कर ग्रामीणों को स्पष्ट जानकारी दी जाए। इस पर अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि घाट से संबंधित पूरी जानकारी ग्रामीणों को दी जाएगी और उनकी सभी आवश्यक मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी।

परियोजना के तहत बालू उत्खनन का टेंडर एजेंसी OCEAO-INBHIRO को दिया गया है। एजेंसी के प्रतिनिधि सोनू दुबे ने कहा कि उत्खनन कार्य पूरी तरह से सरकार द्वारा निर्धारित पर्यावरणीय मापदंडों और शर्तों का पालन करते हुए किया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उनकी सभी मांगों को प्राथमिकता दी जाएगी।

कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख लोग

इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य जयप्रकाश महतो, सीओ प्रदीप कुमार, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के प्रतिनिधि रामप्रवेश कुमार, तकनीकी अभियंता कुंदन कुमार, डीएमओ मेघलाल टुडू, पर्यावरण सलाहकार मो. तौसिक, मुखिया अजित तिर्की, मुखिया ओनामी कोड़ा, ग्राम मुंडा जयनाथ महतो, शिवन महतो, मिलन देवी, सीताराम गोप, तिला तिर्की सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण पुरुष और महिलाएं उपस्थित रहे।

सार:
जन सुनवाई में ग्रामीणों ने जहां परियोजना के समर्थन में सहमति जताई, वहीं उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, पारदर्शिता और स्थानीय हितों को ध्यान में रखते हुए ठोस कदम उठाने की मांग की। प्रशासन और एजेंसी ने भी ग्रामीणों की चिंता को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि उत्खनन कार्य पारदर्शी और पर्यावरणीय नियमों के अनुरूप ही संचालित किए जाएंगे।

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