तीन दिवसीय राजकीय इटखोरी महोत्सव 2025 : भव्य आयोजन की तैयारी जोरों पर

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सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजेगा महोत्सव, पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का प्रयास

चतरा : राजकीय इटखोरी महोत्सव 2025 का आयोजन 19 से 21 फरवरी तक मां भद्रकाली मंदिर परिसर में किया जाएगा। इस महोत्सव को भव्य और सफल बनाने के लिए उपायुक्त रमेश घोलप ने एक अहम बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में जिले के वरीय अधिकारियों और संबंधित प्रखंड स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य महोत्सव से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा करना और इसे सफल बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करना था।

बैठक की शुरुआत जिला खेल पदाधिकारी तुषार रॉय द्वारा की गई, जिन्होंने पूर्व में आयोजित राजकीय इटखोरी महोत्सव की गतिविधियों की जानकारी प्रस्तुत की। इसके साथ ही उन्होंने 2025 के महोत्सव की तैयारियों पर अब तक की गई प्रगति को साझा किया। उपायुक्त ने इन जानकारियों पर गहराई से चर्चा की और यह सुनिश्चित करने के लिए पूर्व की तरह इस बार भी विभिन्न कोषांगों का गठन करने का निर्देश दिया।

महोत्सव स्थल की तैयारी को लेकर विशेष ध्यान दिया गया। उपायुक्त ने मां भद्रकाली मंदिर और उसके परिसर के रंग-रोगन और साफ-सफाई की व्यवस्था को प्राथमिकता देने की बात कही। इसके अलावा, महोत्सव के दौरान वाहनों की पार्किंग के लिए विशेष स्थान निर्धारित करने, पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सुचारू रखने, और विद्युत आपूर्ति की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

महोत्सव के आयोजन में सुगमता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस अधीक्षक विकास कुमार पांडेय ने भी बैठक में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। साथ ही, उप विकास आयुक्त अमरेंद्र कुमार सिन्हा और वन प्रमंडल पदाधिकारी दक्षिणी मुकेश कुमार ने महोत्सव स्थल पर पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को लेकर अपने विचार साझा किए। उपायुक्त ने इन सुझावों पर अमल करने की बात कही।

बैठक के दौरान महोत्सव को लेकर कई अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी चर्चा की गई। मंदिर परिसर की सजावट, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना, आमंत्रित अतिथियों की सुविधाओं, और स्थानीय उत्पादों के प्रदर्शन के लिए विशेष स्टॉल लगाने जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महोत्सव के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं।

महोत्सव झारखंड की सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य को प्रदर्शित करेगा।

बैठक में यह भी तय किया गया कि महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए स्थानीय और बाहरी कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा। इन कार्यक्रमों के जरिए झारखंड की समृद्ध संस्कृति और परंपरा को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही, स्थानीय हस्तशिल्प, कला, और व्यंजनों के स्टॉल लगाकर इस क्षेत्र की विशिष्टता को दर्शाने की योजना बनाई गई है।

मंदिर परिसर की तैयारी

मां भद्रकाली मंदिर और इसके आसपास के क्षेत्र का रंग-रोगन और साफ-सफाई सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया गया। यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि मंदिर परिसर का माहौल धार्मिक और आकर्षक बना रहे।

वाहन पार्किंग व्यवस्था

आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए समुचित वाहन पार्किंग स्थल चिन्हित किए गए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि पार्किंग स्थल व्यवस्थित और सुगम हों।

पेयजल और विद्युत व्यवस्था

पूरे कार्यक्रम स्थल पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति और पर्याप्त पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए। इन व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए विशेष टीम बनाई जाएगी।

सुरक्षा व्यवस्था

श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता में है। पुलिस अधीक्षक विकास कुमार पांडेय ने सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और सुरक्षा व्यवस्था की योजना पर निर्देश दिए। महोत्सव के दौरान शांति और सुगमता बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात रहेगा।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

झारखंड की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए स्थानीय और बाहरी कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन देने और समृद्ध संस्कृति को दर्शाने पर जोर दिया गया।

पर्यटन और प्रचार-प्रसार

महोत्सव को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने की जिम्मेदारी जिला जनसंपर्क अधिकारी शकील अहमद को सौंपी गई। महोत्सव की विशिष्टता को उजागर करने और अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों का उपयोग किया जाएगा।

बैठक में मौजूद अन्य अधिकारियों में अपर समाहर्ता अरविंद कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी चतरा जहूर आलम, डीआरडीए निदेशक अलका कुमारी, जिला परिवहन पदाधिकारी इंद्र कुमार, नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी विनीता कुमारी, और जिला जनसंपर्क पदाधिकारी शकील अहमद समेत कई अन्य संबंधित कर्मी शामिल थे।

उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को महोत्सव की तैयारी समय पर पूरी करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव को न केवल धार्मिक आयोजन के रूप में देखा जाना चाहिए, बल्कि यह पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का भी एक सशक्त माध्यम है। महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को झारखंड की सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

तीन दिवसीय राजकीय इटखोरी महोत्सव न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि यह चतरा जिले के लिए एक विशेष पहचान स्थापित करने का अवसर भी है। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन और संबंधित विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। महोत्सव के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने की उम्मीद है, और इसे देखते हुए सभी व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित और व्यवस्थित रूप से लागू करने पर जोर दिया जा रहा है।

उपायुक्त रमेश घोलप ने अंत में सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि महोत्सव के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए पूरी तत्परता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव चतरा जिले के लोगों के लिए गर्व का अवसर है, और इसे सफल बनाने के लिए सभी का योगदान महत्वपूर्ण है।

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