ई घटना किसानेक आबगा पहरेक बेरा देइख के लिखल गेल हे ।
पात्र परिचय:–
1.मरद पात्र –सोमरा (एगो चासा (किसान)
2.जनी पात्र – बुधनी आर रुसनी (चासाक दुगो बेटी)
जघऽ – घरेक आंगना मे दुइयो छउवा खेइल रहल हथ ।
बुधनी – इचीक – मीचीक दांत कीचीक,
लोवा लाठी चंदन काठी ।। 2
रूसनी – दीदी इटा खेइल –खेइल के हाम आनसाइ गेल ही चल न दोसर खेल खेलबुइ नुक- नुकोली ।
बुधनी – (तनी दुखेक भाव से ) नाञ- नाञ हामे नुक – नुकोली नाइ खेलबो ! इटा खेलले हामरा मायेक इयाद आय जा हे ! जान्हीये हामे जेठीन- जेठीन नुकाहलीये , माये हामरा उठीन ले खोइज ले हली ।
रूसनी – हां तबे चल गुली –ढांग खेलब।
( दूइयो छउवा गुली –ढांग खेलेक तइयारी करे लागऽहथ, तइसी ओखीनेक बाप (किसान) हांथे एगो कोदाइर लइके आइ जा हे । )
सोमरा – केतना बेइर मना करल हियोन , की ई खेइल टा नाइ खेलबाइ ! आंइखे लाइग जीतोन ।
बुधनी – भाभना नाइ करे बाप !
(रूसनी ठांवे राखल लोटी से पानी दइ रहल ही , सोमरा कोदाइर के राइख के पानी पीयल – पीयल बइठ जा हे , आधा पानी बाचायके बेटी के दइ रहल हे । )
सोमरा – लइ जो, बाकी के खेतें डाइल देहीं, हइसके हे एक – दु मुठा धान टाव होइ जीतइ | अबरी त बस ओकरे आस हे।
रूसनी – की बाप ? कखनु पानीक आस , कखनु धान बेचाइक आस , आर कखनु सरकारेक करजाक आस. …… छोइड काहे नाइ देही ई खेती- बारीके ?
सोमरा – भुखे मइर जीता गोटा लोक जदी किसाने हार – फार करले छोइड़ दइ त ! खोंखते- खोंखते …………l
बुधनी – की बाप ? आइजो तोञ दवाइ नाइ खाइल हले ! तोरा कहल रहियो न कि खायेक बादे दवाइ टा खाइ लेबे ।
रूसनी – खायेक ! ….खायेक टाव त दवाये एतना मिले हेना बाप …….l
सोमरा – चासाक दरदेक दवाइ त केकरो पास नाइ हे …बेटी …. खइर छोइड़। बोइल की की खायबाइ…… ?
बुधनी – बाप गो ………घरे जते ठांञ –ठेना सब छुछे राखाइल हो ।
रूसनी – बाप …गो …वइसे हामरा भुख लागल नाइ हे ।
सोमरा – ओ ….हो … भुख नाइ लागल होन ! हामरा त साकताइ के भुख लागल हे । हाम त मडुवाक रोटी खाइब, मडूवाक रोटी …..l
(दुइयो एक संगे दोइड के गोहाइर करले आवऽहथ )
बुधनी आर रुसनी – मडुवाक …रोटी ……l
सोमरा – आवा … आवा हामर दुलारी बेटी सब ….. l
(सोमराक दुइयो धाइरे बइठ जा हथ । दूइयो के खियाइ रहल हथ । खाइल बादे दूइयो के निंदावे लागल हथ। )
सोमरा – चल सुइत जा ! तोहीन दुइयो के बिहाने चाढ़े उठेक होन ।
बुधनी – की ले बाप ?
सोमरा – सवाल नाइ करेक लाय बेटी….l
(दुइयो के सुताइ रहल हे आर ओखीनेक मुड़ के हसइत रहल हे )
हामर दुलारी छउवा ……..l
(सोमरा हुंवा से उइठ जा हे। आपन ढाडा से मोबाइल बहराइ के करे –करे बात करे हे । )
हा साहेब ! काइल हामर दूइयो बेटी ……lहा ………जी ……..हा ….l
( दुइयो छउवा उइठ के बइठजा हथ )
ओ ..हो … भाभना नाय करा ! हाम सोब समभाइल लेब……! हा जी धइनबाद ।
(दुइयो छउवा बापेक ठांव आय जा हथ आर बाप के धइर ले हथ । )
बुधनी – बाप .. .बाप गो ! की तोञ हामनिके दोसर ठेकाने भेइज रहल हे ।
रूसनी – अइसन नाय करीहें बाप …. अइसन नाय करीहें ….l
बुधनी – हा बाप …. ! हामीन तोर कहल सब बात के मानब ।
रूसनी – हा बाप हाम तोर लुगा –फाटा , ठाञ – ठेना सभे साफ कइर देबो ।तावो तोञ हामनीके दुर नाय भेइज बाप ।
बुधनी – बाप …गो हामीन तोर से भिनु नाय रहे पारब ! बाप …l
( दूइयो छउवा कांधे लागऽ हथ । )
सोमरा – नाय बेटी … … । तोहीन के त जमजमाय के पढेक होन । हामे तोहनिक खातिर सहरेक सबले बोड इसकुले
नाम लिखाय देल हियोन आर ओकर फिसो भइर देल हियोन । तोहीन के हामर भाभना करेक दरकार नाय
होन ।हाम त कोन्हो काम से ढेइर दुर जाय रहल ही । तोहीन दुइयो त हामर चेठगर छउवा लागाय । चाला !
चइल के सुइत जा! हामर दुलारी बेटी लागाय न ।
(दूइयो छउवा सुइत जा हथ आर सोमरा आगु आवे )
सोमरा – हाम डरपलुका नाय लागी ! आर न हाम डेराही । हामर ठांवे कोन्हो बाचल नाय हे , छउवा पढवेक खातिर
आपन सोब जमीन बेइच देलीये ! ताकी हाम आपन छउवा सब के पढाय सकऽही । हाइर नाय मानल रहीये
हामे चासा लागी न हाम , चासाक ठांवे त सब समअसीया कर डहर हेवे हे ! मकीन हामर समअसीयाक डहर
केकरो पास नेखय । गाते दवाय मांगऽहलय, आर दवाय पइसा मांगऽ हलय, हाम लागी एक किसान सिवाय
मोउत कर आर कुछो नाय मांगे पारलिये ।
(परदाक पेछु ले )
अइसने हामर देसेक कते चासा जाकर खेते खेती नाय हेवे हे । ओकर जिनगी मे आबगा दुखे – दुख हवे हे ।
कोन्हो चासा कधीयो दुखे नाय मोरे हे ! मोरावे हे त ओकर परिस्थितियाँ, अइसने घटना हामर चासा परधान देस
के खडहर कइर देल हे । त आवा हामीन मिइल के एगो बात के ठानऽ ही की भारतेक चासा खातिर हामीन तनी
कुछ सोचब , तनी कुछ करब ताकी आवे दिनेक पुरखा से अइसन घटना सुने आर देखे नाइ पाइब।
—–जय जवान —– जय चासा —-
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